होटल इंडस्ट्री ने लगाई वित्त मंत्रालय से राहत की गुहार, पढ़िए पूरी खबर

होटल इंडस्ट्री ने लगाई वित्त मंत्रालय से राहत की गुहार, पढ़िए पूरी खबर

होटल इंडस्ट्री ने लगाई वित्त मंत्रालय से राहत की गुहार

होटल इंडस्ट्री ने लगाई वित्त मंत्रालय से राहत की गुहार, पढ़िए पूरी खबर

बजट से पहले होटल इंडस्ट्री ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी मांगों में टैक्स से राहत देने और आर्थिक राहत से जुड़ी डेडलाइन बढ़ाने जैसी बातें प्रमुखता से रखी हैं। इडस्ट्री के मुताबिक सरकार को होटल और टूरिज्म से जुड़े क्षेत्रों को नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में शामिल करना चाहिए। साथ ही करोबारियों ने ये भी मांग की है कि निर्यात से जुड़ी स्कीमों में दी जा रही राहत की टाइमलाइन भी बढ़ाई जाए ताकि कोरोना महामारी के इस माहौल में ज्यादा से ज्यादा कारोबारी इनका फायदा उठा सकें।

इसके अलावा होटल इंडस्ट्री ने वित्तमंत्री से अपील की है कि बैठकों और कॉन्फ्रेंस को बढ़ावा दिया जाए ताकि कारोबार में सुधार होने शुरू हो सके। फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने एक बयान में कहा कि हॉस्पिटैलिटी उद्योग को इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री का स्टेटस देने की मांग को फिर से दोहराया गया है। इसके अलावा ये भी मांग की गई है कि सरकार घरेलू टूरिज्म को खास टैक्स छूट दे ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा घूम फिर सकें और महामारी से पस्त पड़े उद्योग में जान लौटे।

सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के अखिल भारतीय संघ (एआईसीए) ने बुधवार को सरकार से कच्चे माल की कीमतों में कमी के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।  संघ ने 20 दिसंबर को देशभर के सभी उद्योगों द्वारा एक दिन के लिए काम बंद करने और संबंधित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एक घंटे का शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है, ताकि कच्चे माल की कीमतों को अप्रैल, 2021 के स्तर पर लाने के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाया जा सके।
 संघ ने दावा किया कि लाखों एमएसएमई द्वारा पूरे भारत में एक दिन के लिए काम बंद करने से 25,000 करोड़ रुपये के उत्पादन का नुकसान होगा।   एमएसएमई का सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत का योगदान है।